देहदान हेतु दिशा निर्देश

  • 1. देहदान प्रपत्र निम्न में से किसी के द्वारा हस्तारक्षित होने पर ही स्वीकार होंगे - पति-पत्नी / माता - पिता - भाई - बहिन / पुत्र - पुत्री।
  • 2. मृत शरीर के साथ उपरोक्त में से एक गवाह का आना आवश्यक है।
  • 3. स्वाभाविक मृत्यु की स्थिति में मृत्यु प्रमाण-पत्र अधिकृत चिकित्सक द्वारा हस्तारक्षित / मुद्रित निम्न जानकारी के साथ प्रस्तुत करना होगा - उम्र, मृत्यु का कारण, दिनांक, समय, मृतक का पहचान चिन्ह, आदि।
  • 4. शरीर रचना विज्ञानं विभाग के विभागाध्यक्ष को पूर्व सुचना देना आवश्यक है। जिससे वह मृत शरीर के संरक्षण की व्यवस्था कर सके।
  • 5. मृत शरीर शीघ्र से शीघ्र लावे एवं इन व्यक्तियों में से किसी को सूचित करें। कार्यालय समय के पश्चात् इन व्यक्तियों से संपर्क करें :
    • 1. डॉ. मनीष पाटिल (विभागाध्यक्ष - एनाटॉमी) - 99931-30914
    • 2. डॉ. संगीता बाबू - 98277-14333
    • 3. डॉ. अमित जैन (प्रभारी - विच्छेदन कक्ष)- 98277-28523
    • 4. डॉ. संतोष कुमार भिसे - 96445-88818
    • 5. डॉ. रवि जैन - 99260-06606
    • 6. डॉ. किशन गिडवाह - 97548-65297
    • 7. आर. डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज, सुरासा उज्जैन - 07368-261235, 304
    • 8. सी. आर. गार्डी अस्पताल, सुरासा उज्जैन - 07368-261316, 261251
    • 9. श्री राजेश दुबे (ड्राइवर) - 76920-98893, 79871-21660
  • 6. मृत व्यक्ति के रिश्तेदरों को ही मृत्यु के बारे में जन्म - मृत्यु पंजीयन कार्यालय को सूचित करना पड़ेगा। कॉलेज अथवा विभाग इसके लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
  • 7. एक बार मृत शरीर दान करने के पश्चात् रिश्तेदारों को न ही शरीर देखने दिया जावेगा और न ही वापस किया जायेगा।

नोट - संस्था से 30 किलोमीटर से ज्यादा दूर रहने वाले देह दानियों के परिवार से विनती है कि चूँकि देहदान में समय का विशेष महत्व होता है। अतः वे अपने स्वयं के साधन से देह को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने का कष्ट करें।

निम्न परिस्थितियों में मृत शरीर स्वीकार नहीं किया जायेगा।

  • 1. मृत्यु के 3 घंटे बाद
  • 2. एड्स से पीड़ित
  • 3. संदेहास्पद मृत्यु
  • 4. प्राकृतिक मृत्यु बिना प्रमाण - पत्र के
  • 5. परिवार विवादित देह दान

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